।।सुविचार।।
।।यदि हम दूसरों के अवगुणों एवं दोषों का वर्णन न कर अपने अवगुणों एवं दोषों का वर्णन करें तो शायद सफलता के शिखर पर हम ही होंगे ।।
।। व्यक्ति का सबसे बड़ा शत्रु उसका अपना ही क्रोध है ।।
।। व्यक्ति का सबसे बड़ा दुःख ( उसका अपनों के प्रति मोह है )।।
।।व्यक्ति की वाणी ही श्रेष्ठ है क्योंकि वाणी के द्वारा ही वह परायों को अपना बनाता है और अपनों का पराया ।।
।।यदि पूजा ही करनी है तो सबसे पहले अपने माता- पिता की पूजा करें जिन्होंने आपको ये जीवन प्रदान किया ।।
सौजन्य से :-
No comments:
Post a Comment