Saturday, July 2, 2016

|| रुद्राक्ष ||



रुद्राक्ष एक फल की गुठली के समान होता है। इसका उपयोग आध्यात्मिक क्षेत्र में किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव  के नेत्रों  के जलबिंदु से हुई थी । इसे धारण करने से व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है ।

मानव समाज के कल्याण हेतु एवं मनुष्यरूपी जीव को सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने हेतु रुद्राक्ष को  शिव का वरदान मान उसका अनुसरण करना चाहिए तथा भक्ति भाव एवं ज्योतिषीय गणनानुसार धारण कर  प्रतिदिन प्रातः एवं सायं रुद्राक्ष के माध्यम से भगवान् शिव का गुणगान करना चाहिए रुद्राक्ष के द्वारा मनुष्यरूपी जीव संसार के समस्त भौतिक दु:खों को दूर कर सकता है क्योंकि रुद्राक्ष को स्वयं भगवान् शिव ने प्रकट किया है।

हिन्दू धर्मानुसार भगवान शिव को देव और दानव दोनों का ही देवता बताया गया है।

भगवान शिव के शांत और प्रसन्न स्वभाव के कारण  उन्हें भोला तो प्रलयंकारी स्वभाव के कारण भगवान् शिव को रूद्र भी कहा गया है। सामान्यतः एक मुखी  से लेकर चौदह मुखी तक के रुद्राक्ष पाये जाते है ।

रुद्राक्ष एक अमूल्य मोती है जिसे धारण करके मनुष्यरूपी जीव अमोघ फलों की प्राप्ति कर सकता है । रुद्राक्ष की अनेक प्रजातियां तथा विभिन्न प्रकार उपल्बध हैं, किन्तु रुद्राक्ष की सही पहचान कर पाना आज के समय में एक कठिन कार्य सा प्रतीत होता  है। .

आजकल बाजार में सभी असली रुद्राक्ष को उपल्बध कराने की बात कहते हैं किंतु इस बात का अंदाजा लगा पाना एक मुश्किल कार्य सा प्रतीत होता है। लालची लोग रुद्राक्ष पर अनेक धारियां बनाकर भी रुद्राक्ष को बाज़ार में बारह मुखी या इक्कीस मुखी रुद्राक्ष कहकर बेच देते हैं ।

कभी-कभी दो रूद्राक्षों को जोड़कर एक रुद्राक्ष जैसे गौरी शंकर रुद्राक्ष के रूप में भी  तैयार कर बाजार में बेच दिया जाता हैं ।  इसके अतिरिक्त रुद्राक्ष को भारी करने के लिए उसमें सीसा या पारा भी डाल दिया जाता है, तथा कुछ रुद्राक्षों में  सर्प, त्रिशुल जैसी आकृतियां भी बना दी जाती हैं।

रुद्राक्ष की पहचान को लेकर आज भी अनेक भ्रातियां मौजूद हैं. जिनके कारण आम व्यक्ति असली रुद्राक्ष की पहचान उचित प्रकार से नहीं कर पाता है एवं स्वयं को असहाय सा महसूस करता है. असली रुद्राक्ष का ज्ञान न हो पाना तथा पूजा-पाठ में असली रुद्राक्ष न होना पूजा-पाठ एवं उसके द्वारा अर्जित फल को निष्फल कर देता  है । अंतः  ज़रूरी है कि पूजन के लिए रुद्राक्ष असली हो।

रुद्राक्ष के समान ही एक अन्य फल भी होता है जिसे भद्राक्ष कहा जाता है, और यह रुद्राक्ष के जैसा ही दिखाई देता है इसलिए कुछ लोग रुद्राक्ष के स्थान पर इसे नकली रुद्राक्ष के रुप में बेच देते हैं । भद्राक्ष दिखने में रुद्राक्ष के समान ही होता है किंतु इसमें रुद्राक्ष जैसे गुण नहीं होते है ।

सौजन्य से :-


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