Saturday, February 22, 2020

गुरु-वंदना


गुरु-वंदना 

ॐ अज्ञानितिमिरान्धस्य ज्ञानांजनशलाकया | 
चक्षुरुन्मीलितं येन तस्मै श्री गुरवे नमः || 
मन्त्रसत्यम पूजासत्यम सत्यमेव निरंजनम | 
गुरुर्वाक्यं सदा सत्यम सत्यमेव परमं पदम् || 
अखंडमंगलाकारम व्याप्तं येन चराचरम | 
तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्री गुरवे नमः || 
पितृ-मातृ-सुह्र्द-बन्धु-विद्या-तीर्थानि देवता | 
न तुल्यं गुरुणां  शीघ्रं स्पर्शमेव परम पदम् || 
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः | 
गुरुः साक्षात परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः || 
ध्यान मूलम गुरुः मूर्तिं  पूजा मूलं गुरुः  पदम् | 
मन्त्रमूलं गुरुर्वाक्यं मोक्षमूलं गुरुः  कृपा || 
ब्रह्मानन्दं परमसुखदं केवलं ध्यानमूर्तिम | 
द्वन्द्वातीतम गगनसदृशं तत्वमस्यादिलक्ष्यम ||  
एकम नित्यं विमलमचलं सर्वधी  साक्षीभूतम | 
भवातीतम त्रिगुणरहितम सदगुरुम तन्नमामि ||  
सौजन्य से :-

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